डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते को खत्म करने का किया ऐलान, जानिए क्या थी न्यूक्लियर डील ?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप !
duniya news | Date: 09-May-2018 | 11:28:41
09 मई 2018,
अमेरिका !!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार ईरान के साथ परमाणु समझौते को खत्म करने का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही अमेरिका ईरान परमाणु समझौते से अलग हो गया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस फैसले को बड़ी गलती बताया है. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका की वैश्विक विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी.
जुलाई 2015 में बराक ओबामा के अमेरिकी राष्ट्रपति रहने के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी के साथ मिलकर ईरान ने परमाणु समझौता किया था. लंबे समय से कूटनीतिक पहल के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने वाले इस परमाणु समझौते पर बात बनी थी.
यूरोपीय संघ वियना में हुआ था ईरान परमाणु समझौता !
इस समझौते के वार्ताकार तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी थे. जुलाई 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों एवं जर्मनी तथा यूरोपीय संघ के बीच वियना में ईरान परमाणु समझौता हुआ था.
समझौते के मुताबिक ईरान को अपने संवर्धित यूरेनियम के भंडार को कम करना था और अपने परमाणु संयंत्रों को निगरानी के लिए खोलना था, बदले में उसपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में आंशिक रियायत दी गई थी. इस समझौते के तहत ईरान को अपने उच्च संवर्धित यूरेनियम भंडार का 98 प्रतिशत हिस्सा नष्ट करना था और उसे अपने मौजूदा परमाणु सेंट्रीफ्यूज में से दो तिहाई को भी हटाना था.
मिसाइल प्रतिबंध 8 साल तक बने रहने थे !
वहीं समझौते के अनुसार ईरान पर हथियार खरीदने के लिए लगाया गया प्रतिबंध पांच वर्षों के लिए जारी रहता जबकि मिसाइल प्रतिबंध आठ साल तक बने रहने थे. इसके बदले में ईरान को तेल और गैस के कारोबार, वित्तीय लेन देन, उड्डयन और जहाज़रानी के क्षेत्रों में लागू प्रतिबंधों में ढील दी जानी थी.
आपको बता दें कि 2015 में रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाले US हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के ईरान के साथ परमाणु समझौते को खारिज कर दिया था. हालांकि यह एक प्रतीकात्मक मत था, जिसका समझौते को लागू करने में कोई प्रभाव नहीं पड़ना था. आपको बता दें कि ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी से आते हैं.
ईरान में जर्मनी ने भी काफी निवेश किया !
वहीं यूरोप के देश इसलिए भी इस समय ईरान के साथ खड़े हैं क्योंकि परमाणु डील होने के बाद इन देशों ने ईरान में काफी निवेश किया है. ईरान ने इटली के साथ 20 बिलियन डॉलर और फ्रांस के साथ तेल और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में डील की थी. वहीं ईरान में जर्मनी ने भी काफी निवेश किया है.
ट्रंप का आरोप है कि ईरान ने दुनिया से छिपकर अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखा. वहीं कई देशों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की इंटरनल पॉलिटिक्स की वजह से ईरान के साथ हुआ परमाणु समझौता तोड़ना चाहते हैं. यही वजह है उनके इस कदम के साथ यूरोपीय देश साथ नहीं खड़े दिखाई दे रहे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों ने ट्रंप के इस फैसले पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि अमेरिका के इस फैसले से रूस, जर्मनी और ब्रिटेन निराश हैं.
देश अमेरिका के बिना भी इस न्यूक्लियर डील में बना रहेगा !
ट्रंप के इस ऐलान के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि उनका देश अमेरिका के बिना भी इस न्यूक्लियर डील में बना रहेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रंप के इस फैसले पर वो यूरोप, रूस और चीन से बात करेंगे. ट्रंप के फैसले का दुनियाभर में प्रभाव होगा. इससे ईरान की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी और पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ेगा.
पॉपुलर न्यूज़
फोटो न्यूज़
- उत्तर प्रदेश:लखनऊ|कानपुर | आगरा |बरेली |मेरठ |मुरादाबाद |इलाहाबाद |वाराणसी
- उत्तराखंड:देहरादून |हरिद्वार |रुद्रपुर |नैनीताल |अल्मोड़ा | पिथौरागढ़ | पौड़ी गढ़वाल | टेहरी गढ़वाल
- दुनिया : चीन |पाकिस्तान |अमेरिका |ऑस्ट्रेलिया |जापान |ब्रिटेन |बांग्लादेश |श्रीलंका |रूस |उत्तर कोरिया |अन्य
- खेल : हॉकी | क्रिकेट | कब्बडी | बैडमिंटन | टेनिस | एथलेटिक्स | फुटबॉल
- मनोरंजन : मूवी | छोटा पर्दा | हॉलीवुड | गॉसिप्स | फनी वीडियोस | जोक्स
- लाइफस्टाइल : फैशन | गैजेट्स | बाइक | फोर व्हीलर | गार्डन | ब्यूटी टिप्स
- चिकित्सा : आयुर्वेद | अलोपथी | होम्योपथी | यूनानी | घरेलू नुस्खा
Follow Us
Subscribe To Our Newsletter
Copyright © 2018 - All Rights Reserved - Khabar 7
Powered By Siabak Creativo