दादा की अंतिम इच्छा पर परमाणु हथियारों को नष्ट को राजी- किम, अमेरिका के साथ बातचीत पर सहमति जताई !!

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप !
duniya news | Date: 07-Mar-2018 | 18:39:08
7 मार्च 2018,
सोल !!
कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़े तनाव के कम होने की उम्मीद जगी है। उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ बातचीत करने पर सहमति जताई है। दक्षिण कोरिया का कहना है कि प्योंगयांग ने कहा है कि अगर उसे सुरक्षा की गारंटी मिले तो वह अपने परमाणु हथियार छोड़ने के लिए भी तैयार है। यह घटनाक्रम अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है पर अब भी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं।
परमाणु हथियारों को नष्ट करने के लिए राजी किम !
दरअसल, पहले भी कई कोशिशें हुईं पर कभी नॉर्थ कोरिया तो कभी अमेरिका का बदला रवैया अड़चनें पैदा करता रहा और आज तक तनाव कम नहीं हो सका। ऐसे में सवाल यह है कि इस बार क्या सब ठीक होगा? बताया जा रहा है कि किम जोंग-उन के पिता और दादा देश को परमाणु हथियारों से मुक्त करना चाहते थे? ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अपने दादा की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए किम परमाणु हथियारों को नष्ट करने के लिए राजी हुए हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि प्योंगयांग के परमाणु हथियारों पर अंकुश लगाने के पश्चिमी देशों के दशकों से जारी प्रयास अब तक विफल रहे हैं। 1994 में एक समझौता हुआ था कि परमाणु हथियारों को छोड़ने के बदले में नॉर्थ कोरिया को असैन्य न्यूक्लियर रिऐक्टर और दूसरी मदद दी जाएगी। हालांकि यह कोशिश बेकार साबित हो गई जब अमेरिका ने आरोप लगाया कि नॉर्थ कोरिया गुप्त रूप से अपने हथियार कार्यक्रम को शुरू कर रहा है। इसका परिणाम यह हुआ कि मदद में देरी हुई और प्योंगयांग नाराज हो गया।
वादा करने के बाद भी नॉर्थ कोरिया ने किया परमाणु परीक्षण !
2003 में चीन के नेतृत्व में 6 पार्टियों की वार्ता शुरू हुई। अमेरिका, उत्तर और दक्षिण कोरिया, रूस, जापान और चीन इस प्रक्रिया में शामिल हुए। नॉर्थ कोरिया ने वादा किया कि वह 2005 में अपने परमाणु कार्यक्रमों को बंद कर देगा लेकिन अगले ही साल उसने पहला परमाणु परीक्षण कर दिया। इससे तनाव बढ़ गया।
तीन साल बीते और नॉर्थ कोरिया ने दूसरा परमाणु परीक्षण कर दिया। उसके बाद से साल दर साल प्योंगयांग अपने हथियारों की संख्या बढ़ाते जा रहा है। 2011 में किम जोंग उन के सत्ता में आने के बाद से नॉर्थ कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम ने रफ्तार पकड़ी। पिछले साल नॉर्थ कोरिया ने अपना छठा परमाणु परीक्षण कर दुनियाभर में सनसनी फैला दी। इतना ही नहीं, नॉर्थ कोरिया ने मिसाइलें लॉन्च कर दावा किया कि उसकी पहुंच अब अमेरिका तक हो गई है।
ट्रंप को क्या संदेश भेजे हैं किम ?
बताया जा रहा है कि दक्षिण कोरिया के दो वरिष्ठ अधिकारी गुरुवार को वॉशिंगटन जाएंगे और अपनी प्योंगयांग यात्रा के बारे में जानकारी देंगे। मीडिया के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग यू-यांग और खुफिया प्रमुख सू हून राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से भी मिलेंगे। चुंग ने पत्रकारों से कहा, 'हम सब कुछ आपको नहीं बता सकते लेकिन हमारे पास नॉर्थ कोरिया का एक विशेष संदेश अमेरिका के लिए है।' संभावना जताई जा रही है कि अगले महीने नॉर्थ कोरिया के शासक किम और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून के बीच वार्ता के दौरान विशेष आदान-प्रदान हो सकते हैं।
कुछ बातें, जो अभी स्पष्ट नहीं !
दोनों नेता सीमावर्ती गांव में मिलेंगे जो 1950-53 के कोरियाई युद्ध के खत्म होने के बाद तीसरी इंटर-कोरियन समिट होगी। हालांकि नॉर्थ कोरिया की ओर से कई बातों पर खुलकर रुख सामने रखा जाना अभी बाकी है। उसके द्वारा मांगी गई सुरक्षा गारंटी और उसके खिलाफ सैन्य धमकी रोकने का मतलब क्या है? उसका कहना है कि परमाणु हथियारों को छोड़ने के लिए इस पर विचार किया जाना जरूरी है। असान इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिसी स्टडीज के गो म्यांग-ह्यून ने कहा कि पहले तो नॉर्थ कोरिया ने मांग की थी कि सोल में मौजूद अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजा जाए और सोल व वॉशिंगटन के बीच सुरक्षा गठबंधन खत्म हो।
उन्होंने कहा, 'अगर नॉर्थ कोरिया फिर से परमाणु हथियारों को छोड़ने के बदले में यही शर्त रखता है तो यह साफ हो जाएगा कि वह अपने परमाणु हथियारों को छोड़ने को लेकर गंभीर नहीं है।' गौरतलब है कि परमाणु हथियारों को नष्ट करने पर प्योंगयांग और वॉशिंगटन के अपने अलग-अलग विचार हो सकते हैं। डांगुक यूनिवर्सिटी के प्रफेसर कोह यू-हवान ने कहा कि नॉर्थ कोरिया अमेरिका के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए वार्ता की बात कर सकता है। कोह ने आगे कहा, 'यह पूरी तरह से सत्यापन के साथ परमाणु हथियारों को छोड़ने के उस विचार से अलग है, जिसकी उम्मीद अमेरिका कर रहा है।'
संयुक्त युद्धाभ्यास की तैयारी कर रहे सोल और वॉशिंगटन !
उधर, 18 मार्च के बाद से सोल और वॉशिंगटन संयुक्त युद्धाभ्यास की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले फरवरी और मार्च के पहले हफ्ते में 2 अभ्यासों को स्थगित कर दिया गया था क्योंकि सोल अपनी ओर से विंटर गेम्स में नॉर्थ कोरिया को शामिल करने को लेकर प्रयास कर रहा था।
नॉर्थ कोरिया के मीडिया ने बुधवार को देश के बदले रुख का जिक्र नहीं किया, लेकिन विश्लेषकों ने किम के ऑफर को लेकर किसी भी प्रकार के आंतरिक गतिरोध की संभावनाओं को खारिज कर दिया। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कोरियन स्टडीज के प्रफेसर कू काब वू ने कहा, 'इस पर हमारे डियर लीडर ही कुछ कह सकते हैं।' उन्होंने कहा कि किम के स्वायत्त शासन का यह एक अलग उदाहरण है।
सोल के अधिकारियों की मानें तो दक्षिण कोरिया के प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी वार्ता में किम ने कहा था कि नॉर्थ कोरिया के पिछल दोनों नेताओं की आखिरी इच्छा थी कि हम परमाणु हथियारों को छोड़ दें। कू ने कहा कि अपने पूर्वजों की इच्छाओं को पूरा करते हुए सभी आंतरिक विवादों को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'यह बेस्ट कार्ड होगा, जिसका इस्तेमाल किम कर सकते हैं।'
पॉपुलर न्यूज़
फोटो न्यूज़
- उत्तर प्रदेश:लखनऊ|कानपुर | आगरा |बरेली |मेरठ |मुरादाबाद |इलाहाबाद |वाराणसी
- उत्तराखंड:देहरादून |हरिद्वार |रुद्रपुर |नैनीताल |अल्मोड़ा | पिथौरागढ़ | पौड़ी गढ़वाल | टेहरी गढ़वाल
- दुनिया : चीन |पाकिस्तान |अमेरिका |ऑस्ट्रेलिया |जापान |ब्रिटेन |बांग्लादेश |श्रीलंका |रूस |उत्तर कोरिया |अन्य
- खेल : हॉकी | क्रिकेट | कब्बडी | बैडमिंटन | टेनिस | एथलेटिक्स | फुटबॉल
- मनोरंजन : मूवी | छोटा पर्दा | हॉलीवुड | गॉसिप्स | फनी वीडियोस | जोक्स
- लाइफस्टाइल : फैशन | गैजेट्स | बाइक | फोर व्हीलर | गार्डन | ब्यूटी टिप्स
- चिकित्सा : आयुर्वेद | अलोपथी | होम्योपथी | यूनानी | घरेलू नुस्खा
Follow Us
Subscribe To Our Newsletter
Copyright © 2018 - All Rights Reserved - Khabar 7
Powered By Siabak Creativo