आर्थिक मंदी से उभरने के लिए उद्योग जगत ने सरकार से की 1 लाख करोड़ की मांग, मिला आश्वासन !!

business news | Date: 09-Aug-2019 | 10:49:43
09 अगस्त 2019
नई दिल्ली !!
आर्थिक सुस्ती से परेशान देश के कारोबार और उद्योग जगत ने सरकार से 1 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज देने की मांग की है. उद्योग जगत के दिग्गजों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर यह मांग करते हुए कहा कि निवेश चक्र को आगे बढ़ाने और अर्थव्यस्था को उबारने के लिए यह जरूरी है. वित्त मंत्री ने उन्हें यह भरोसा भी दिया है कि आर्थिक तरक्की को गति देने के लिए जल्दी ही कदम उठाए जाएंगे|
तुरंत कुछ उपाय करने की जरूरत !
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के बारे में सुझाव लेने के लिए गुरुवार को इन प्रतिनिधियों को बुलाया था. इस मुलाकात के बाद उद्योग चैम्बर एसोचैम के अध्यक्ष बी.के. गोयनका ने कहा कि मौजूदा वैश्विक और घरेलू बाजार की सुस्ती को देखते हुए तुरंत कुछ उपाय करने की जरूरत है|
उन्होंने कहा कि इस दौर में अर्थव्यवस्था को राहत पैकेज जैसे महत्वपूर्ण हस्तक्षेप की जरूरत है. हमने एक लाख करोड़ रुपए का पैकेज देने की मांग की है. वित्त मंत्री के साथ करीब 3 घंटे चली बैठक के बाद बाहर आए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने बताया कि वित्त मंत्री ने उद्योग की हालत सुधारने और अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कार्रवाई करने का भरोसा दिया है|
वित्त मंत्रालय से सकारात्मक संकेत मिले !
सीतारमण और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ सुस्त होती अर्थव्यवस्था और ग्रोथ में कमी पर विस्तार से बात की. JSW समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने बताया कि यह तय हुआ है कि सरकार उद्योग जगत को उबारने के लिए जल्दी ही कोई कार्रवाई करेगी. हमें वित्त मंत्रालय से सकारात्मक संकेत मिले हैं|
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने साफ शब्दों में यह भरोसा दिया है कि कोई समाधान निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि खासकर स्टील, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) और ऑटोमोबाइल सेक्टर कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है. पीरामल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन अजय पीरामल ने बताया कि बैंकों द्वारा उद्योग जगत को अब कर्ज देने में हिचकिचाहट जैसे कई मसले वित्त मंत्री के सामने उठाए गए|
कर्ज देने की गति नहीं बढ़ रही !
उन्होंने इस मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया कि ऐसा नहीं है कि बैंकों में नकदी की तंगी हो, लेकिन कर्ज देने की गति नहीं बढ़ रही है. जहां तक NBFC सेक्टर का सवाल है, इसकी वजह से अर्थव्यवस्था पर दबाव है. मुझे यह बताया गया कि जल्दी ही कार्रवाई होगी. इसलिए हम इसका इंतजार करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से यह भी आश्वासन मिला है कि सीएसआर खर्च के नियम को पालन न करने वालों को दंडात्मक सजा देने का कंपनीज लॉ के तहत नियम आगे नहीं बढ़ाया जाएगा|
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