NaMo TV को चुनाव आयोग ने माना राजनीतिक विज्ञापन, EC ने मांगा भाजपा से जवाब !!

चुनाव आयोग !
delhi-ncr news | Date: 10-Apr-2019 | 10:47:44
10 अप्रैल 2019,
नई दिल्ली !!
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के प्रचार के तरीकों पर चुनाव आयोग लगातार सख्त रुख अपना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बना NaMo TV एक बार विवादों के घेरे में है. चुनाव आयोग ने इसको लेकर सख्ती दिखाई है और भारतीय जनता पार्टी से जवाब मांगा है. इतना ही नहीं NaMo TV को चुनाव आयोग एक राजनीतिक विज्ञापन की श्रेणी में रख रहा है.
सूत्रों की मानें तो आचार संहिता लागू होने के बाद दूसरे राजनीतिक दलों के विज्ञापनों की तरह इसे भी आयोग से मंजूरी लेनी चाहिए. यही कारण है कि ये कोई टेलिविज़न चैनल नहीं बल्कि एक राजनीतिक विज्ञापन माना जाएगा.
सालाना ऑडिट रिपोर्ट में शामिल करनी होगी खर्च की जानकारी !
आयोग इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी से सवाल भी करेगा और इसपर होने वाले पूरे खर्च की जानकारी सालाना ऑडिट रिपोर्ट में शामिल करनी होगी. हालांकि, भाजपा पहले ही ये मान चुकी है कि उसने इस चैनल पर होने वाले खर्च का ब्योरा ऑडिट रिपोर्ट में दिया है.
इसके लिए चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति द्वारा NaMo टीवी सामग्री को प्रमाणित करने के लिए नियुक्त किया है. NaMo TV पर आने वाली सभी विज्ञापन को इस कमेटी से होकर गुजरना होगा.
दूरदर्शन पर भी आयोग ने दिखाई सख्ती !
NaMo TV के अलावा चुनाव आयोग ने दूरदर्शन पर भी सख्ती दिखाई है. दूरदर्शन द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों को दिए गए एयरटाइम कवरेज में समानता नहीं है. चुनाव आयोग ने इस बाबत दूरदर्शन को पत्र लिखकर कहा है कि सभी राजनीतिक दलों को देने जाने एयरटाइम कवरेज में समानता लाए.
दरसअल, कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत करते हुए कहा था कि 31 मार्च को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम "मैं भी चौकीदार हूँ" को दूरदर्शन ने 84 मिनट तक लाइव कवरेज़ दी थी, इसे भी पार्टी के एयरटाइम में ही जोड़ा जा. इसके एवज में या तो बाकी दलों को भी दूरदर्शन अतिरिक्त वक्त दे या फिर भाजपा के वक्त में कटौती करें.
चुनाव नियमों के मुताबिक हर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को सरकारी मीडिया माध्यम यानी दूरदर्शन और आकाशवाणी अपने दल की नीति और घोषणापत्र के प्रचार प्रसारण के लिए मुफ्त समय देते करते हैं. उन दलों की ओर से नामित नेता आकर आकाशवाणी और दूरदर्शन पर अपना वक्तव्य देते हैं, इसका प्रसारण होता है.
NaMo TV पर पहले भी दिखी थी सख्ती !
आपको बता दें कि 31 मार्च को NaMo TV देश की कुछ DTH सर्विस पर लॉन्च हुआ था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण, भारतीय जनता पार्टी का चुनावी प्रचार, मोदी सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है. इसको लेकर कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
चुनाव आयोग की तरफ से पहले भी NaMo TV पर जवाब मांगा गया था, तब सूचना प्रचारण मंत्रालय ने कहा था कि यह कोई चैनल नहीं है इसलिए इसे किसी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं है. इसके अलावा भाजपा के ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन पर भी सख्ती दिखाई थी. ‘मैं भी चौकीदार’ कार्यक्रम को दूरदर्शन ने करीब डेढ़ घंटे लाइव दिखाया था, जिसपर चुनाव आयोग ने जवाब मांगा था. साथ ही इस नाम से छपे कपों को रेलवे में चाय देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था.
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