राफेल मामला : लीक दस्तावेजों पर केंद्र के विशेषाधिकार के दावे पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला !!

राफेल !
delhi-ncr news | Date: 14-Mar-2019 | 17:21:37
14 मार्च 2019,
नई दिल्ली !!
राफेल डील केस में अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लीक दस्तावेजों पर केंद्र के विशेषाधिकार के दावे पर ऑर्डर सुरक्षित रख लिया। SC ने स्पष्ट किया कि राफेल डील के तथ्यों पर गौर करने से पहले वह केंद्र सरकार द्वारा उठाई गई प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला करेगा। दरअसल, केंद्र ने राफेल लड़ाकू विमानों से संबंधित दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया है और सुप्रीम कोर्ट से कहा कि साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई भी संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर इन्हें पेश नहीं कर सकता है।
विशेषाधिकार का नहीं किया जा सकता दावा !
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोई भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज प्रकाशित नहीं कर सकता है और राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है। वहीं, वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि राफेल के जिन दस्तावेजों पर अटॉर्नी जनरल विशेषाधिकार का दावा कर रहे हैं, वे प्रकाशित हो चुके हैं और सार्वजनिक दायरे में हैं। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार कानून के प्रावधान कहते हैं कि जनहित अन्य चीजों से सर्वोपरि है और खुफिया एजेंसियों से संबंधित दस्तावेजों पर किसी प्रकार के विशेषाधिकार का दावा नहीं किया जा सकता।
भूषण ने SC से आगे कहा कि राफेल के अलावा कोई दूसरा रक्षा सौदा नहीं है जिसमें CAG की रिपोर्ट में कीमतों के विवरण को संपादित किया गया। भूषण ने कहा कि राफेल सौदे में सरकार-सरकार के बीच कोई करार नहीं है क्योंकि इसमें फ्रांस ने कोई संप्रभू गारंटी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम में पत्रकारों के सूत्रों के संरक्षण के भी प्रावधान हैं। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भूषण से कहा कि हम केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति पर फैसला करने के बाद ही मामले के तथ्यों पर विचार करेंगे।
केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों पर पूरी की सुनवाई !
कोर्ट ने राफेल डील मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों पर सुनवाई पूरी की। केंद्र का कहना था कि पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता गैरकानूनी तरीके से प्राप्त किए गए विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों को आधार नहीं बना सकते। गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ के समक्ष केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य कानून की धारा 123 और सूचना के अधिकार कानून के प्रावधानों का हवाला दिया।
आपको बता दें कि यह पीठ राफेल सौदे के मामले में अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। ये पुनर्विचार याचिकाएं पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर कर रखी हैं।
पॉपुलर न्यूज़
फोटो न्यूज़
- उत्तर प्रदेश:लखनऊ|कानपुर | आगरा |बरेली |मेरठ |मुरादाबाद |इलाहाबाद |वाराणसी
- उत्तराखंड:देहरादून |हरिद्वार |रुद्रपुर |नैनीताल |अल्मोड़ा | पिथौरागढ़ | पौड़ी गढ़वाल | टेहरी गढ़वाल
- दुनिया : चीन |पाकिस्तान |अमेरिका |ऑस्ट्रेलिया |जापान |ब्रिटेन |बांग्लादेश |श्रीलंका |रूस |उत्तर कोरिया |अन्य
- खेल : हॉकी | क्रिकेट | कब्बडी | बैडमिंटन | टेनिस | एथलेटिक्स | फुटबॉल
- मनोरंजन : मूवी | छोटा पर्दा | हॉलीवुड | गॉसिप्स | फनी वीडियोस | जोक्स
- लाइफस्टाइल : फैशन | गैजेट्स | बाइक | फोर व्हीलर | गार्डन | ब्यूटी टिप्स
- चिकित्सा : आयुर्वेद | अलोपथी | होम्योपथी | यूनानी | घरेलू नुस्खा
Follow Us
Subscribe To Our Newsletter
Copyright © 2018 - All Rights Reserved - Khabar 7
Powered By Siabak Creativo