एरिक्सन चाहती है RCom को दिवालिया घोषित कराना तो लौटाए 576 करोड़ : NCLAT !!

अनिल अंबानी !
business news | Date: 09-Apr-2019 | 18:22:58
09 अप्रैल 2019,
नई दिल्ली !!
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने फिर इस बात पर जोर दिया है कि एरिक्सन अगर यह चाहती है रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के खिलाफ इनसॉल्वेंसी यानी दिवालिया की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए तो उसे कंपनी से मिले 576 करोड़ रुपये वापस करने होंगे.
आखिर क्यों परेशान रहें बैंक ?
NCLAT के चेयरपर्सन जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय ने कहा, 'ऐसा क्यों हो कि एक पार्टी को पैसे मिल जाएं और अन्य कर्जदाता परेशान रहें और आखिर बैंक क्यों परेशान रहें? भारतीय अर्थव्यवस्था क्यों इसे झेले?' बेंच ने कहा कि वह NCLT में आरकॉम की बैंकरप्शी कार्यवाही को या तो खत्म कर देगा या कानून के मुताबिक इसे आगे बढ़ाने की इजाजत देगा. इस मसले पर अगली सुनवाई अब 30 अप्रैल को होगी.
गौरतलब है कि फरवरी महीने में RCom ने NCLT से अनुरोध किया था कि उसके खिलाफ चल रही इनसॉल्वेंसी कार्यवाही पर स्टे न लगाएं बल्कि उसको आगे बढ़ाया जाए, क्योंकि वह अपने कर्जदाताओं का कर्ज वापस नहीं कर पा रही. ट्राइब्यूनल ने यह पाया कि यदि आरकॉम के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है तो वह एरिक्शन को खुद को मिले 550 करोड़ रुपये (ब्याज सहित 576 करोड़ रुपये) कंपनी को वापस करना होगा, क्योंकि कर्जदाताओं को कर्ज प्राथमिकता सूची के आधार पर वापस की जाएगी.
इनसॉल्वेंसी की कार्यवाह को चुनने का कंपनी ने लिया निर्णय !
15 मार्च, 2018 को NCLT की मुंबई बेंच ने रिलायंस कम्युनिकेशन्स और उसकी दो सहायक कंपनियों के खिलाफ एरिक्शन द्वारा दायर इनसॉल्वेंसी की याचिका को स्वीकार कर लिया था. गत 1 फरवरी को आरकॉम ने कहा था कि वह कर्जधारकों को कर्ज वापस नहीं कर पा रही इसलिए इनसॉल्वेंसी की कार्यवाह को चुनने का कंपनी ने निर्णय लिया है. इसके बाद 4 फरवरी को ट्राइब्यूनल ने कहा था कि अगले आदेश तक कोई आरकॉम के एसेट नहीं बेच सकता या किसी थर्ड पार्टी को ट्रांसफर नहीं कर सकता.
गत 18 मार्च को रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ (ब्याज सहित 576 करोड़ रुपये) का भुगतान कर दिया था. अनिल अंबानी ने ये पैसे अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी से लेकर चुकाए हैं. अगर कंपनी ऐसा करने में विफल रहती है तो आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी को 3 महीने जेल की सजा काटनी पड़ सकती थी. ऐसे में मदद के लिए बड़े भाई मुकेश अंबानी सामने आए.
आगे उनकी दिक्कतें आसानी से कम होने वाली नहीं !
बड़े भाई की मदद से अनिल अंबानी बकाया चुका कर गिरफ्तारी से तो बच गए हैं, लेकिन सच तो यह है कि आगे उनकी दिक्कतें आसानी से कम होने वाली नहीं हैं. पिछले वित्त वर्ष के अंत यानी मार्च, 2018 तक अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के ऊपर कुल कर्ज बोझ 1,03,158 करोड़ रुपये का था और इस पर ब्याज देनदारी भी करीब 10 हजार करोड़ रुपये के पास थी. हालांकि, समूह ने अपने एसेट की बिक्री कर करीब 60 फीसदी कर्ज चुका देने की योजना बनाई है.
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