भ्रष्टाचार निरोधी संस्था लोकपाल के नवनियुक्त सभी 8 सदस्यों ने शपथ ली !!

फाइल फोटो !
delhi-ncr news | Date: 27-Mar-2019 | 16:30:13
27 मार्च 2019,
नई दिल्ली !!
भ्रष्टाचार निरोधी संस्था लोकपाल के नवनियुक्त सभी आठ सदस्यों ने बुधवार को शपथ ली. अधिकारियों ने बताया कि लोकपाल अध्यक्ष जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष ने इन्हें शपथ दिलाई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को देश के पहले लोकपाल के तौर पर जस्टिस घोष को शपथ दिलाई थी. विभिन्न हाईकोर्ट्स के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों- जस्टिस दिलीप बी भोसले, जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी के अलावा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी ने लोकपाल में न्यायिक सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण किया.
सशस्त्र सीमा बल की पूर्व पहली महिला प्रमुख अर्चना रामसुंदरम, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन, पूर्व IRS अधिकारी महेंद्र सिंह और गुजरात कैडर के पूर्व IAS अधिकारी इंद्रजीत प्रसाद गौतम ने लोकपाल के गैर न्यायिक सदस्य के रूप में शपथ ली.
4 न्यायिक सदस्य होने चाहिए !
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस शपथग्रहण के साथ ही अब कहा जा सकता है कि लोकपाल ने अब काम करना शुरू कर दिया है. नियमों के अनुसार, लोकपाल समिति में एक अध्यक्ष और अधिकतम आठ सदस्यों का प्रावधान है. इनमें से चार न्यायिक सदस्य होने चाहिए.
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह और छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव उपस्थित थे. CBI के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला इस समारोह में उपस्थित नहीं थे. खुफिया ब्यूरो के प्रमुख राजीव जैन, केंद्रीय सतर्कता आयोग के आयुक्त के वी चौधरी, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी इस शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मौजूद थे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्तियों को मंजूरी दी थी !
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय चयन समिति ने लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियों की सिफारिश की थी. इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्तियों को मंजूरी दी थी. जस्टिस घोष (66) मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हुए थे. जब लोकपाल अध्यक्ष के पद के लिए उनके नाम की घोषणा हुई तो वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य थे.
लोकपाल समिति में एक अध्यक्ष और अधिकतम आठ सदस्यों का प्रावधान
कुछ श्रेणियों के लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति संबंधी लोकपाल कानून 2013 में पारित हुआ था. नियमों के अनुसार, लोकपाल समिति में एक अध्यक्ष और अधिकतम आठ सदस्यों का प्रावधान है. इनमें से चार न्यायिक सदस्य होने चाहिए. लोकपाल के सदस्यों में 50 फीसदी अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक सदस्य और महिलाएं होनी चाहिए.
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